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  मनोकामना सिद्ध वृक्ष देवस्थान अंजोरा
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Manokamna Siddha Vriksha Devsthan Anjora Manokamna Siddha Vriksha Devsthan Anjora

      सभी को आर्शीवाद  



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लेखक

परम पावन श्री गौरव नारायण एक प्रभावी लेखक है जिन्होंने कुछ बहुत ही दुर्लभ लेख और किताबें लिखी है और उन्हें मात्र किताबें कहना सही नही होगा क्योंकि वे पवित्र ग्रन्थ है | वे लिखी नही गयी है परन्तु वे प्रकट हुई है किसी उच्च स्रोत से और किसी दिव्य दुनिया से | परम पावन अपनी लेखनी के माध्यम से न सिर्फ पाठकों के मन की गहराईओं को भेद जाते है बल्कि पाठकों के ह्रदय को झंकृत और आत्मा को तृप्त कर देते है | एक लेखक के रूप में वह वृहद विषयों को उनकी अंतिम गहराईओं तक स्पर्श करतें है | जैसे कि पहले कभी किसी के द्वारा मानव के इतिहास में पहले कभी नही हुआ | वे वह लिखते है जो उनके पास दूसरी दुनिया से आता है | यह रचनायें अज्ञानता में अंकठित लोगों का मार्ग प्रशस्त के लिये और जीवन में नये आयाम खोलने के लिये है | उनकी कालजयी रचनायें सारगर्भित और सुस्पष्ट होती है | उनकी दिव्य रचनायें हमेशा अकथ्य से सुदृढ़ और अनुपूरक रहती है जो आपको और दूसरी रचनाओं में नही मिलेगी |

उनकी दिव्य रचनायें अद्भुत रचनात्मकता से ओत प्रोत रहती है | आपको उनमें निश्चित ही क्रांति की लपट परिलक्षित होगी | आप उसमे धर्म की आभा मिलेगी, उसमे भगवत्ता के भी सहज दर्शन करेंगे, आप उसमे अन्तर्निहित सत्य को निश्चित ही अवलोकित कर सकते है, और आप ऐसे अद्भुत सत्य की चमक जो उनके शब्दों में प्रकट हुई जा रही है से अप्रभावित हुए बिना नही रह सकते | वह पाठकों को, श्रद्धालुओं को बड़ी आसानी से उस सूक्ष्म करुणा से साक्षात्कार कराते है, जो सत्य वह लेकर चलते है |

रूपांतरित करने वाली लेख और किताबे पढ़ना पाठकों में एक खोजकर्ता और एक सत्य के मुमुक्ष को जागृत करती है | वह पाठकों में दूसरी दुनिया के प्रति उत्कंठा जागती है जिसके प्रति पाठक अब तक विस्मृत थे | उनके शब्दों को पढ़ने से पाठकों के जीवन में रूपांतरण की प्रक्रिया शुरू होती है जीवन के एक नए द्वार को खोलने की प्रबल उत्कंठा जगाती है | और पाठकों को जीवन में कुछ सार्थकता का पुट लाने के लिए अभिप्रेरित करती है |

ऐसी अविरलतम कृति पढ़ने के बाद लंबे समय तक शब्द, सोच पाठकों के मन में घनघनाते रहते है और श्रोता उनके ऋणी हो जाते है उन अदभुत क्षणों के लिए जो उनके जीवन में आते है |



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