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  मनोकामना सिद्ध वृक्ष देवस्थान अंजोरा
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आध्यात्मिक मार्गदर्शक

आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में परम पावन गौरव नरायण आपके सामने दैवीय आयाम प्रारम्भ करते है | वे वह है जिनकी दिव्य उपस्थिति में रहना, श्रवण और पाठन में एक नये प्रकार की यात्रा का अहिर्भाव होता है जो कि अन्तर्यात्रा है | लोग उनके असाधारण व्यक्तित्व की ओर सहर्ष ही आकर्षित हो जाते है | आप पूरी तरह से डूबे हुए उनके ओजस्वी सानिध्य में परिबद्ध हो जाते है | जब आप उनकी ओर खींचे चले जाते है एक अनजाने से वेग से तो दूसरी ओर आप स्वयं के निकट भी निकट आ रहे होते है | यह आकर्षण दो दिशाओं का है |

परम पावन आध्यात्मिक आयामों में पथप्रदर्शक की अग्रणी भूमिका निभाते हुए अनेकों अनेक भटके हुए लोगों को सन्मार्ग का रास्ता दिखा रहे है और जो अपने जीवन में वे नित नये आयाम और गुणों में वृद्धि करने हेतु कटिबद्ध है |

परम पावन ने कई लोगों की जिंदगी में गुणात्मक सुधार किया है और जो दृष्टि वो हमें प्रदान करते है वो दुनिया को देखने और स्वयं की खोज में सहभागी और प्रभावशाली होती है | उनकी दिव्य उपस्थिति में शिष्य, अनुयायी, श्रद्धालु  चमत्कार, पवित्रता, आनंद और उत्सव जैसे गुणों का प्रत्यक्ष अनुभव करते है |

मनुष्य अपनी निष्कृष्टता, अपने अन्धकार में भौतिक को आध्यात्मिक समझने की भूल कर बैठता है | हम में से अधिकतर अपनी जिंदगी में जिसे आध्यात्मिक समझ रहे है वास्तव में उसमे बहुत सा भौतिक कचरा ही जमा रहता है और यही वे बाधाएं है जो हमे आध्यात्मिक होने से रोके खड़ी है | जब आप परम पावन के सानिध्य में डूबे रहते है तो फिर आप में एक समझ आने लगती है, एक स्पष्टता आने लगती है जो कि आध्यात्मिक और अनअध्यात्मिक का बोध कराती है | उनके हमारे जीवन में स्पर्श से एक सामंजस्य, एक संतुलन का निर्माण होने लगता है जिंदगी में क्योंकि हमने हमेशा ही अब तक एक तरफा जिंदगी जो कि मध्य में नही वरन ध्रुवो के इर्द गिर्द रह कर गुजारी है | यहाँ तो हम भौतिक में आकंठ हो आधयात्म की पूरी तरह से अनदेखी कर दी या फिर भगवान या चेतना के लिए पदार्थो से पूरी तरह से किनारा कर लिया | परम पावन बताते है कि जीवन किसी एक ध्रुव की धुरी पर रहने का नाम नही बल्कि दो ध्रुवो के मध्य में रहना जिंदगी है | और यह दोनों ध्रुव एक दूसरे के विरोधी नही बल्कि एक दूसरे के अनुपूरक है और इनमे सामंजस्य बिठा कर हम अपने जीवन में सामंजस्य ला सकते है | यह दोनों आयाम एक दूसरे से जुड़े हुए है एक दूसरे में समाहित है | हम एक तरफा जिंदगी नही बल्कि दो तरफा जिंदगी जिये | वे दुनिया के प्रचलित साधनों का उपयोग कर दुनिया के बाहर जाने का अवसर खोलते है | वह ज्ञान के साधनों से अज्ञात में उतरने का मार्ग बताते है जो कि मंत्रमुग्ध करने वाला है | उनके प्रभावशाली तरीक़े लोगों को अपने आप में स्थित रहने के लिए मदद करते है |

उनके विद्यमानता में रहने का मतलब है जिंदगी के हर आयाम में परम को छूना; जैसे आप परम को सुन रहे है, परम को महसूस कर रहे है | परम से सामना हो रहा है आप परम में स्थित हो और परम को प्राप्त कर रहे हो |



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