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  मनोकामना सिद्ध वृक्ष देवस्थान अंजोरा
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      सभी को आर्शीवाद  



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मित्र

परम पावन श्री गौरव नारायण गुरु के रूप में कोई आदेश, धर्मादेश, कोई अनुशासन अपने अनुयाईयों को नही देते बल्कि सबके साथ मित्रवत अवस्था में रहते है | वे आपकों कोई कठिन नियम पालन करने के लिए नही देते बल्कि आकाश उपलब्ध कराते है पंख फ़ैलाने के लिए और उड़ान भरने के लिए | वे कोई संस्थान नही देते जिसके कि आप सदस्य बनों बल्कि वह आपकों आपका व्यक्तित्व सौंपते है जिसके साथ आप जी सकों | वे आपकों उनके ऊपर निर्भर नही बनाते बल्कि वह आपकी सहायता करते है कि आखिरी बंधनो से भी सबको मुक्ति मिले | “बुद्ध ने कहा था कि अगली बार जब वह पृथ्वी पर आयेंगे तो वह एक सद्गुरु की तरह नही बल्कि एक मित्र की तरह आयेंगे” |

परम पावन श्री गौरव नारायण न सिर्फ आध्यात्मिक विषयों पर प्रकाश डालते है बल्कि वह इस पर भी ज्ञान देते है कि जीवन की रोजमर्रा की कठिनाइयों से कैसे दृढ़तापूर्वक निपटा जाये | गुरु केवल धर्म पर बोलते है वैज्ञानिक विज्ञान पर बोलते है और साधारण व्यक्ति केवल समस्या के संबंध में ध्यान देते है परन्तु परम पावन श्री गौरव नारायण अपने ज्ञान को सभी ओर प्रकाशित करते है|

दूसरे गुरु, स्वामियों से इतर वह सबसे अलग और अतुलनीय है इस बाबत कि वह कोई सिद्धांत, कोई दर्शन नही देते या कोई गुरु शिष्य परंपरा नही चलाते या लोगों को उनके ऊपर विश्वास करने को नही कहते न ही वे औरों को किसी प्रकार से अपने ऊपर निर्भर करते है, न ही वह कोई नेता या अनुयायी वाली प्रक्रिया दोहराते है, वे हमे किसी पुराने या नये सिद्धांत दर्शन से नही भरमाते बल्कि वो हमे आमंत्रण देते है नृत्य में, आनंद में, उत्साह में शामिल होने क लिए |

परम पावन किसी एक धर्म, राष्ट्र, जाति, रंग या परंपरा से बंधे नही है बल्कि वह सबके है | वह उत्सव, आनंद, चेतना, जाग्रत से जुड़े है | वह अस्तित्व के है, वह ब्रम्हांड के है, वह भगवान के है | वह एक मानव है, मानव अपने पूर्णता में, जो मानवता के पार चले गया है |

जिंदगी की नई परतें विकसित होती है जब उनका प्रभामंडल आपके व्यक्तित्व को छूता है | आपको अनंत आशीर्वाद मिलता है आपकी जिंदगी चरघातांकी रूप से समृद्ध होती है, अलंकृत होती है जब आप परम पावन श्री गौरव नारायण के संपर्क में आते है |



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